तू शमा है , और तेरे यहाँ परवाने बहुत है
सुना है तेरे शहर में ही, तेरे दीवानें बहुत है
वो तो हम है जो तेरे गम छुपाने को पीते है
वरना इस दुनिया मैं पीने के बहाने बहुत है
क्या करना शराबो का जो तू आँखों से पिलाती हो
फिर भी तेरे शहर में क्यू , मैखाने बहूत है
हमने पीना छोडा है , पिलाना नही छोडा
कभी आ के देख मेरे घर में पैमाने बहुत है
अब कोई साथ चलता है तो डर जाता 'असर'
तेरे गली को छोड़ तेरे शहर में वीराने बहूत है
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Saturday, January 24, 2009
छोड़ दिया
जब से हमने घरो के अपने , पैमानों को है तोड़ दिया
लोगो ने मेरे घरो पे तब से , आना जाना छोड़ दिया
एक बात है मुझे दुनिया से , कुछ मिला हो या नही
पर पीने का सलीका मुझे इन , मैखानो ने बेजोड़ दिया
शराब को छोड़ और हर बात की मिसाल है मेरी यहाँ
जिसे हमने छोड़ दिया , उसे मुकम्मल छोड़ दिया
क्या बताये पर कुछ तो बात है मोहब्बत में , मिया
लोगो ने जीना सिखा इसमे , हमने जीना छोड़ दिया
क्यों बदनाम करते हो मुझे इस शहर में वाईज , लोग
क्या कहेंगे , क्या सोचेंगे , जो हमने पीना छोड़ दिया
कई पैमानों न ख़ुदकुशी कर ली है मेज से गिर कर
जब सुना उन्होंने , ' असर ' ने मैखाने आना छोड़ दिया
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लोगो ने मेरे घरो पे तब से , आना जाना छोड़ दिया
एक बात है मुझे दुनिया से , कुछ मिला हो या नही
पर पीने का सलीका मुझे इन , मैखानो ने बेजोड़ दिया
शराब को छोड़ और हर बात की मिसाल है मेरी यहाँ
जिसे हमने छोड़ दिया , उसे मुकम्मल छोड़ दिया
क्या बताये पर कुछ तो बात है मोहब्बत में , मिया
लोगो ने जीना सिखा इसमे , हमने जीना छोड़ दिया
क्यों बदनाम करते हो मुझे इस शहर में वाईज , लोग
क्या कहेंगे , क्या सोचेंगे , जो हमने पीना छोड़ दिया
कई पैमानों न ख़ुदकुशी कर ली है मेज से गिर कर
जब सुना उन्होंने , ' असर ' ने मैखाने आना छोड़ दिया
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मेरा टूटना अब और भी कुछ असां हो गया
न जाने कब , क्या से क्या हो गया
किस बात पे न जाने वो खफा हो गया
कीससे पुछु इस वाकयात की हकीकत
जो रकीब था मेरा उनका राजदां हो गया
और कुछ कहने की जरूरत नहीं तुझे ,
सब कुछ तेरी निगाह से बयान हो गया
डुबो दे मुझे सफिने में ही , नाखुदा मेरे
ज़िन्दगी से मैं अब , परेशां हो गया
छोड़ कर चले गए जो लोग इनमे रहते थे
दिल मेरा भी अब , खाली मकां हो गया
जी भर के लुट ले मेरे चमन को सैयाद
मेरे लिए तो बेकार अब ये जहां हो गया
इस कदर भीगा की मेरी बुनियाद हिल गयी
मेरा टूटना अब और भी कुछ असां हो गया
लोग खुश थे की , मेरे की दिवार गिर गयी
उनके लिए तो उधर से , रास्ता हो गया
बहुत दर्द होता था तेरे सीनें मैं ' असर '
अच्छा ही हुआ जो दिल तेरा वीरां हो गया
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किस बात पे न जाने वो खफा हो गया
कीससे पुछु इस वाकयात की हकीकत
जो रकीब था मेरा उनका राजदां हो गया
और कुछ कहने की जरूरत नहीं तुझे ,
सब कुछ तेरी निगाह से बयान हो गया
डुबो दे मुझे सफिने में ही , नाखुदा मेरे
ज़िन्दगी से मैं अब , परेशां हो गया
छोड़ कर चले गए जो लोग इनमे रहते थे
दिल मेरा भी अब , खाली मकां हो गया
जी भर के लुट ले मेरे चमन को सैयाद
मेरे लिए तो बेकार अब ये जहां हो गया
इस कदर भीगा की मेरी बुनियाद हिल गयी
मेरा टूटना अब और भी कुछ असां हो गया
लोग खुश थे की , मेरे की दिवार गिर गयी
उनके लिए तो उधर से , रास्ता हो गया
बहुत दर्द होता था तेरे सीनें मैं ' असर '
अच्छा ही हुआ जो दिल तेरा वीरां हो गया
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