जब से हमने घरो के अपने , पैमानों को है तोड़ दिया
लोगो ने मेरे घरो पे तब से , आना जाना छोड़ दिया
एक बात है मुझे दुनिया से , कुछ मिला हो या नही
पर पीने का सलीका मुझे इन , मैखानो ने बेजोड़ दिया
शराब को छोड़ और हर बात की मिसाल है मेरी यहाँ
जिसे हमने छोड़ दिया , उसे मुकम्मल छोड़ दिया
क्या बताये पर कुछ तो बात है मोहब्बत में , मिया
लोगो ने जीना सिखा इसमे , हमने जीना छोड़ दिया
क्यों बदनाम करते हो मुझे इस शहर में वाईज , लोग
क्या कहेंगे , क्या सोचेंगे , जो हमने पीना छोड़ दिया
कई पैमानों न ख़ुदकुशी कर ली है मेज से गिर कर
जब सुना उन्होंने , ' असर ' ने मैखाने आना छोड़ दिया
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Saturday, January 24, 2009
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