Sunday, February 22, 2009

रहने दे

मत छीन , मेरे आंखों में कुछ ख्वाब रहने दे
मेरे मोहब्बत के हर दौर की, याद रहने दे

करार छीन के न मुझसे , मुझे बेकरार न कर
जीने के लिए मुझमे , कुछ तो मेरे यार रहने दे


मेरे दिल की बेचैनिया ही मुझे तस्कीन देती है
ये बेताब हे अच्छा है इसे अब बेताब रहने दे


तोड़ कर इसे आबाद करने की कोशिश न कर
ये बर्बाद ही अच्छा है , इसे अच्छा बर्बाद रहने दे


मुझे अच्छा बना के , अब क्या होगा हासिल तुझे
'असर' ख़राब हो के खुश है , उसे ख़राब रहने दे

3 comments:

  1. मेरे दिल की बेचैनिया ही मुझे तस्कीन देती है
    ये बेताब हे अच्छा है इसे अब बेताब रहने दे...........

    असरदार!!!!!!!!

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  2. kya bhai ye sab kawita tumne kari hai...

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